Menu
blogid : 23471 postid : 1134467

चलो लुक्का छुप्पी खेले।

chand ka anchal
chand ka anchal
  • 23 Posts
  • 7 Comments

चुरा कर नजरे कुछ देर टकरारो से,

बेखौफ हो कर  रनझीसो और दरारों से,

कुछ वक्त इन खामोशियो से भी ले ले,

चलो मिलकर लुक्का चुप्पी खेले.

इन रुसवाइयों के  पर्दो में कही छुप जायेगे,

इसी बहाने एक दूजे को ढूंढने तो आयेगे,

उस गुजरे हुए लम्हे में इस वक्त को धकेले,

इन खामोशियो की आड़ में चलो लुक्का छुप्पी खेले।

दूर उन पहाड़ो में बसा लेते है आशियाना,

देकर कोई दिलासा, लेकर कोई बहन,

वादियों में सुलझाते है रिस्तो की बेलें,

उन वादियों में चलो लुक्का छुप्पी खेले।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh